स्वप्न एक भारावलेले
Monday, December 27, 2010
आज वो मंझर भी कुछ धुंदला सा है.....
उसका चेहरा कुछ धुंदला सा है
उसकी यादे भी कुछ धुंदली सी है
पता नही किस मोड़ पे वो मिली थी मुझे
आज वो मंझर भी कुछ धुंदला सा है.
अभिजीत
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment